ख़ुद की तुलना कभी दूसरों से ना करो। किसी और के जैसा बनना जो चाहोगे, तो खुद को कहीं दूर भूल आओगे और अंत में बचेगा सिर्फ़ और सिर्फ़ खुद को खो देने का रंज।
Aug 21, 2020
3 min
भेद - भाव करना, एक को अच्छा कहना, दूसरे को बुरा बताना, क्यों ऊंच- नीच करता है ज़माना? सबकी अपनी खासियत होती है, बेहतर जो खुद को बनाती है। छोड़ो ये सब अच्छा - बुरा बताना, हर एक विशिष्टता का करके तो देखो सरहाना!
Jul 14, 2020
2 min
झरोखा यानी खिड़की, ज़रूरी है हर एक चार - दिवारी में। यह झरोखा, हवा, सौंधी महक, धूप आदि सभी की खूबसूरती से अवगत कराता है कमरे की बंद दीवारों को। इसी प्रकार, हमारे दिल में छुपी भावनाओं को भी एक झरोखा हमें ज़रूर देना चाहिए, क्या पता कब यह भावनाएं एक और मौका देदें, खुशियों को हमारे जीवन में।
Jul 8, 2020
3 min
अपेक्षाओं की कोई सीमा नहीं होती और ना ही वह सही मायने में कभी पूरी की जा सकती हैं, वह हमें परिणाम मात्र तक संकुचित कर देती हैं। परन्तु आशा, हमेशा लगे रहने के लिए उत्साहित करती है।
Jul 4, 2020
3 min
जो आज है, बस वही सिर्फ़ अपने पास है। जो अब बीत गया उसको वापस लाया नहीं जा सकता और क्या आने वाला है, यह बताया नहीं जा सकता। इसीलिए, आज को जीकर देखो तुम ज़रा, पाता चले शायद की जीवन कितना खास है!
Jul 3, 2020
3 min
हर एक रिश्ते को बनाए रखने के लिए, अहम हैं उस रिश्ते में किए गए वादे। परंतु प्रेम में किए गए वादे, कुछ अलग होते हैं। वादे हर एक रिश्ते की नींव को और भी मज़बूत कर देते हैं। कुछ वादे हमें बांधे रखते हैं, तो कुछ स्वतंत्र होने का अवसर देते हैं।
Jul 2, 2020
3 min