
दूर दराज ग्रामीण भारत में आज भी व्यवस्था दशकों बाद भी जैसे वहीं रुकी हुई है। ऐसा लगता है हालात और स्थितियां वही है बस चरित्र बदल गए हैं। क्या कभी इस भ्रष्ट व्यवस्था से समाज को छुटकारा मिल पाएगा? कब तक दशकों पहले के समाज की मानसिकता की पुनरावृति होती रहेगी?
Nov 24, 2020
22 min

वतन के उस पार की एक दुनिया। जीवन भर स्टेटस और ऊंचा मकाम हासिल करने की ख्वाहिश। इस बीच ज़िन्दगी कहीं हाथ से फिसली जाती है। पैसा कमाने की लत और रास्ते फिर उन्हें एक ढर्रे पर डालना चाहते हैं और पैसा कमाने हसरतें सर उठाती है। लेकिन इसके आगे क्या?
Nov 18, 2020
30 min

स्वयं से बेटी तक के सफर में कुछ डर और आशंकाएं। रिश्तों पर अविश्वास। पल प्रतिपल संदेहों को टटोलती और स्मृतियां में डूबती उतराती एक संवेदशील कहानी।
Nov 13, 2020
39 min

विभाजन की त्रासदी और दादी के मन में बसा मुल्तान शहर, मनुष्य के द्वारा खीची गई दो देशों के बीच लकीरों को नकारती हैं। दादी के पास कहने के लिए बहुत कुछ नहीं था। पर उसके पास मुल्तान की बातें थी। वह मुल्तान के साथ रही इच्छा ये की उसके बाद भी मुल्तान किसी के मन में ज़िंदा रहे।
Nov 8, 2020
23 min

इस दुनिया में सिर्फ औरत को ही अपना घर छोड़ना पड़ता है। जानवरों के पास भी यह हक है कि वे अपने इलाके को नहीं छोड़ते। दादी के मन में भी एक शहर बसता है। जाने क्या है यह रिश्ता।
Nov 8, 2020
24 min

सम्बन्धों में सम्मान और प्रेम की कमी एक अजीब खालीपन पैदा करती है। संबंध वक्त के मोहताज नहीं, वे अपना रास्ता बना ही लेते है जहां उन्हें अपने लिए उर्वरा ज़मीन मिलती है। इंसान को जहां प्रेम और सम्मान मिलता है फिर भले ही आप लाख सामाजिक व्यवहार और संस्कार की बात क्यों ना करें।
Nov 4, 2020
25 min

वैवाहिक जीवन और प्रेम दो अलग धरातल हैं। साथ रहकर भी क्या साथ रहते हैं लोग? क्या है जो ढूंढते हैं अपने मन का, जहां खोल दे मन के द्वार और जी लें थोड़ा सा जीवन, आज के लिए। वर्तमान संबंधों में नए अर्थ ढूंढती एक एक बेहरीन कहानी।
Nov 3, 2020
26 min

जीवन में कुछ चरित्र अजीब होते हैं। ऐसे ही एक चरित्र हैं मोहन झा। देखें कौन है मोहन झा और क्या है उनका चरित्र।
Oct 31, 2020
20 min

स्त्री पुरुष संबंधों के दायरों के इतर एक तबका है, जिसे अपनी पहचान, अपनी प्रवृति, और प्रेम को छुपाना पड़ता है। अब कानून में बदलाव से थोड़ी राहत मिली है लेकिन क्या समाज से भी?
Oct 28, 2020
29 min

भारतीय समाज में आज भी स्त्री पुरुष संबंधों को ही मान्यता है। इसके इतर संबंधों की बात सोच पाना या जीवन में उसे सहजता से ले पाना आज भी एक बड़ी चुनौती है। लेकिन सच पे पर्दा कब तक?
Oct 27, 2020
28 min
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