DHADKANE MERI SUN Podcast

DHADKANE MERI SUN

Dr. Rajnish Kaushik
Self composed various aspects of love, various feelings, sensations and colors of love with enchanting and melodious words of Hindi and Urdu language have been presented in a very poetic manner in every episode of this podcast . All the episodes of this podcast are solemnly dedicated to all the lovers just as the cycle of love never ends in the same way these love lyrics episode will move on, move on and move...
THAT INNOCENT LOVE
अब लफ्जों में हैं उसके खामोशियां अब रही ना वो पहले सी नजदीकियां आती नहीं मुझको अब हिचकियाँ जाती नहीं मन से क्यूं सिसकियाँ याद आती हैं उसकी वो सरगोशियां कहता था उसको मैं "मासूम" तब उसकी मासूमियत ये क्या हो गया वो जो मुझसे मिला मेरी जां हो गया मोहब्बत भरी दास्ताँ हो गया संग मेरे चला अंग भी वो लगा रफ्ता रफ़्ता मेरी जाने जां हो गया वो मासूम इश्क़ वो मासूम इश्क़  वो मासूम इश्क़
Aug 11, 2023
25 min
Love with breath even after breath
अनुभवी लोग कहते हैं कि मोहब्बत की गांठ भले ही कच्ची डोर से क्यों ना बंधी हो मगर अनंत प्रेम की कड़ियों से जुड़ी होती है अनंत से अनंत तक आपके साथ खड़ी होती है कल भी आज भी.. ...... सांसों के साथ भी... सांसों के बाद भी
Jul 24, 2023
18 min
Love is crazy
जवानी जब से बहकी थी उसी का नाम लेती थी मोहब्बत प्यास है उसकी यही पैगाम देती थी  मैं मजनूं था मैं रांझा था वो लैला हीर जैसी थी  मेरी चाहत के  ज़ज्बो को मेरा ईमान कहती थी  मगर अब.... जो समझती थी इशारों को इशारों ही इशारों में  भुलाके  उन नज़ारो को मेरा अब दिल दुखाती है  ना कहती है ना सुनती है बड़ी खामोश रहती है  मेरे इश्क़-ए- बहारा में वो तीर-ए-ग़म चलाती है  ज़माना मुझसे कहता है दीवाने क्यूँ तू रोता है  उसे कैसे मैं समझाऊं यही तो प्यार होता है.....
May 26, 2023
22 min
जब...WE MET... SHE WAS SWEET SIXTEEN
वो लम्हे सिर्फ एक अह्सास ही नहीं थे, एक जिन्दगी जी रहे थे हम, कितनी रस्मों को निभाने की कसमें खा रहे थे हम, निश्छल और निस्वार्थ भावनाएं हम दोनों की दीवानगी में स्पष्ट नज़र आ रही थी..... वैसे भी 16 - 17 की उम्र में छल फरेब कहाँ होता है मन में....बस प्रेम होता है...प्रेम ही होता है
May 10, 2023
21 min
Dhadkane meri sun
मैं आज भी वहीं हूँ मेरी चाहते और मेरा इश्क़ भी वहीं ठहरा हुआ है उसी मोड़ उसी राह पर जहाँ जुदा हुए थे हम.....बस...मैं ही कुछ पत्थर सा हो चुका हूँ और पत्थरों से टकराता हूँ मंजिलों की तलाश में हर रोज हर लम्हा और टूट कर बिखर जाता हूँ हर रोज हर लम्हा....कभी वक़्त मिले और उन्हीं राहों पर  चलने की हूक उठे तेरे मन में...तो कभी आ...आ कभी और रख मेरे दिल पे हाथ और सुन पत्थरों से टकरा कर टूट कर बिखर जाने की आवाज मेरे करीब आके सुन.....धड़कने मेरी सुन.....धड़कने मेरी सुन 
Apr 28, 2023
18 min
TU HI THI.... MERE JEENE KI VAZAHA
तू कहती थी तेरी ही हूँ मैं  तू कहती थी तेरी  रहूंगी  बगावत भी कर लूँगी जग से  तेरी होने को सब कुछ सहूंगी समंदर की तरहा तू रहना  मैं नदिया सी संग संग बहूँगी दर्द तूने दिया मर मिटा मैं  लोग कहते हैं तू बेगुनाह थी  आखिरी सांस तक तुझको चाहूँ  तू क्या जाने तू मेरा खुदा थी  बेपनाह इश्क़ करता था तुझसे  मेरे जीने की तू ही वज़ह थी 
Apr 20, 2023
9 min
VO LAMHE
माना के उस वक़्त.....मैं वो हस्ती  नहीं था के तुझे सोने के रथ पर बिठा कर आसमा की सैर करा पाता.... मैं वो हस्ती भी नहीं था के तेरे मरमरी बदन को हीरे जवाहरात  से सजा पाता.....तुझपे मोती लुटा पाता.... मगर...मैं वो दीवाना जरूर था जिसे तेरे होठों की एक एक मुस्कुराहट पे तबाह हो जाना मंजूर था... ...मैं वो परवाना जरूर था जिसे तेरी एक एक खुशी के लिए जलकर फनाह होता जाना भी मंजूर था... याद हैं ना तुझे ...वो लम्हे हमारी मौहब्बत के... क्या याद है तुझे आज भी.. वो सूरज की तपिश  वो सफ़र- ए - इश्क़  एक मैं - एक तू ....और  साइकिल पर हम दोनों  हमारी मोहब्बत...हमारा इश्क़
Apr 13, 2023
21 min
BEPANAAH ISHQ
अब लफ्जों में हैं उसके खामोशियां   अब रही ना वो पहले सी नजदीकियां   आती नहीं मुझको अब हिचकियाँ   जाती नहीं मन से क्यूं सिसकियाँ   याद आती हैं उसकी वो सरगोशियां   कहता था उसको मैं "मासूम" तब   उसकी मासूमियत ये क्या हो गया   वो जो मुझसे मिला मेरी जां हो गया   मोहब्बत भरी दास्ताँ हो गया   संग मेरे चला अंग भी वो लगा   रफ्ता रफ़्ता मेरी जाने जां हो गया   वो बेपनाह इश्क़    वो बेपनाह इश्क़ 
Apr 5, 2023
25 min
dil sheesha tha mera
इश्क़ की राह में मन भटकने लगा  खुशबु - ए - यार में तन अटकने लगा  प्यार धोखा है एक इल्म जब ये हुआ  दिल शीशा था मेरा चटकने लगा.....
Mar 30, 2023
11 min
BADMASHIYAAN...Teri  GUSTAKHIYAAN...Meri
कुछ तेरी कुछ मेरी बातेँ होती थीं  ...याद है ना तुझे...कुछ ऐसी भी रातें होती थीं  ... रातों के वो हसीन लम्हे जिनमें होती थीं...कुछ  .....बदमाशियां तेरी  और कुछ  .....गुस्ताखियां मेरी 
Mar 23, 2023
10 min
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